प्यार में पागल शायरी हिंदी में | Pyar Me Pagal Shayari in Hindi
प्यार में पागल शायरी हिंदी में: आपने कई ऐसे आशिक़ देखे होंगे जो किसी से बेइंतेहा प्यार करते हैं। इस वजह से कई लोग उन्हें प्यार में पागल कहने लगते हैं लेकिन उनका प्यार सच्चा होता है। आज हम आपको प्यार में पागल हो जाने पर शायरी प्रस्तुत करेंगे। इंसानी भावनाओं का जादू, किसी को भी पागल बना सकता है। विशेष रूप से जब हम इश्क़ के दरिया में डूबते हैं, तो हमारे दिल का हाल-ए-दिल कुछ अद्वितीय रूप में उभरता है। यहां, हम आपको उस पागलपन के सफर पर लेकर जाते हैं, जिसे हम पागल शायरी कहते हैं।
Pyar Me Pagal Shayari in Hindi
मै तेरा पागल तुम मेरी पगली बन जाओ
मुझे बाहों में भर कर दुनिया को भूल जाओ।
सच्चा प्यार करने वालों के लिए धोखा इनाम है
जो करता है वफ़ा वही पागल और बदनाम है।
जो छोड़ गई उसका आज भी इंतज़ार करता हूँ
मैं पागल एक बेवफा से प्यार करता हूँ।
काश मैं आसमान और तुम बादल होती
काश तुम भी मेरे इश्क़ में पागल होती
मेरे दिल में तुम रहने लगी हो
नाम के सिवाए कोई नहीं बुलाता था
और तुम मुझे पागल दीवाना कहने लगी हो।
मैं छोड़ कर तुम्हें चला जाऊंगा
तुम मुझे ढूंढती रह जाओगी
पागल बनाती फिरती हो मुझे आज
मेरी ही यादों में पागल हो जाओगी
मैं आजकल खुद में खोया रहता हूँ
किसी की ना सुनता और ना कुछ कहता हूँ
लोग तो मुझे पागल कहते ही हैं
मगर मैं भी खुद को पागल कहता हूँ
होंठों पे तो हमेशा मुस्कान होती है
बस यह दिल और आँखें रात को रोती हैं
शराब सहारा ना बनती तो पागल हो जाता
उसके बाद मैं इस भीड़ में कहीं खो जाता
खुद को उसकी बेवफाई से ना टूटने दो
इश्क़ किया तो धोखा भी होना है
अभी तो उसके लिए रातों को रोना है
अभी तो उसके इंतज़ार में और पागल होना है
हमारी आदत है देखकर मुस्कुरा देने की
कहीं इश्क़ समझ कर पागल मत हो जाना
तुम्हारे जाने के बाद पागल सा होने लगा हूँ
रातों में तेरी तस्वीरों को रख कर सामने सोने लगा हूँ
किसी की चाहत में इतना भी ना खो जाओ
के वो छोड़ कर जाए तो पागल हो जाओ
प्यार में पागल शायरी
पागल कैसे हो जाते हैं
देखो ऐसे हो जाते हैं
जिसकी खातिर कितनी रातें सुलगाई
जिसके दुःख में दिल जाने क्यों रोता है?
ये सोचते रहना मुझे पागल ही न कर दे
ये सोचते रहना कि मैं पागल तो नहीं हूँ
मुझसे बढ़ कर कोई पागल क्या होगा
मैं सपने में ग़ज़लें पढ़ता रहता हूँ
लोग ये कहते है कि सलीम है पागल
लोग भी वो है जो ख़ुद ही पागल है
कौन फिर मेरी तरह, मेरे सिवा, पागल हुआ
मुझको समझाते हुए इक नासेहा पागल हुआ
रेल की सीटी बज गई है और दो पागल
इक दूजे की याद मे रो कर बैठे हैं
बदलती दुनिया का ऐसा असर होने लगा है
आदमी पागल और फ़ोन स्मार्ट होने लगा है
लड़का समझदार होना चाहिए,
पागल तो फिर मैं उसे कर दूँगी
वो किसी के इश्क़ में पागल मेरे जैसा हो
मेरी दुआ है उसका रकीब उसके जैसा हो
जिस दिन तुझको ना देखूंपागल
पागल फिरती हूं
कौन तुझे यूं प्यार करेगा
जैसे मैं करती हूं
दुनिया भी पागल है जो सभी के
चेहरे पर मुस्कराहट ला दे उसे
पागल ही कहती है
बेपनाह प्यार शायरी हिंदी में
दिल के पास वही है जो
दूर रहकर भी महसूस होता है
ज़ज़्बात लिखे तो मालूम पड़ा की,
पढ़े लिखे लोग पढ़ना नहीं जानते है
अगर ज़िन्दगी हो तो सिर्फ तेरे साथ
और अगर मौत हो तो तुझसे पहले
अपनी मोहब्बत के लिए
और क्या दुआ मांगू खुदा से
खुदा तुम्हे खुशियाँ दे
और मुझे हमेशा आपका साथ
एक ऐसे रिश्ते को जीना कम नहीं
सिर्फ तेरा ही कहलाना,
और तेरा होना भी नहीं
माना अल्फ़ाज़ खूबसूरत होते है
पर ख़ामोशी की बात ही अलग होती है
हसरतों के सिक्के के लिए
उजाले को खरीदने के लिए निकले थे हम
उम्र की पहली गली में ही जिम्मेदारियों ने लूट लिया
पागल नहीं था मैं जो तुम्हारी एक बात मानता था
मुझे सच्ची मोहब्बत थी तुमसे बस इतना जानता था
इन्हे देखना न भूलें
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