गुलाब के फूल पर शायरी हिंदी में | Gulab Shayari in Hindi
गुलाब के फूल पर शायरी: किसी को अगर गुलाब का फूल देने जा रहे हैं तो पहले गुलाब के ऊपर कुछ खूबसूरत शायरियां पढ़ लीजिये। यूँ ही नहीं गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है। प्यार का इज़हार करना हो, या घर की सजावट करनी हो, गुलाब हर किसी के काम आता है। इसीलिए गुलाब पर ख़ास शेर लिखे गए हैं जो आज हम यहाँ देखने वाले हैं। तो आइये शुरू करते हैं।
Gulab Shayari in Hindi
आपके होठो पर सदा खिलता गुलाब रहे
खुदा ना करे आप कभी उदास रहे
हम आपके पास चाहे रहे ना रहे
आप जिन्हें चाहे वोह सदा आपके पास रहे।
इस चमन से जुदा हुआ एक गुलाब हूँ मैं,
खुद अपनी ही तबाही का जवाब हूँ मैं,
यूँ नजरे न फेर मुझसे ऐ मेरे सनम,
तेरी चाहतों में ही बर्बाद हुआ हूँ मैं।
काँटा न होता तो फूल की हिफाजत न होती,
अँधेरा न होता तो रोशनी की जरुरत न होती,
अगर मिल जाती खुशियाँ दुनिया में आसानी से,
तो दिल की मुलाकात दर्द से न होती।
ये सिर्फ एक गुलाब नही,
मेरी प्यार की निशानी है,
रखना इसे आप संभाल के
इस के हर पत्ते में छुपी हमारे प्यार की कहानी है।
दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे
उस ने भेजा है एक गुलाब मुझे।
कितना महफूज़ था गुलाब काटों की गोद में,
लोगो की मोहब्बत में पत्ता-पत्ता बिखर गया।
सिर्फ़ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती,
तो माली सारे शहर का महबूब बना जाता।
बचपन में देखी हसीन ख्वाब सी हो,
सच कहूँ तो तुम बिल्कुल गुलाब सी हो।
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी एक गुलाब की सी है।
गुलाब सी खिली मुस्कान है तेरी,
तुझे प्यार करना आदत है मेरी।
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँ
वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता।
कहाँ चिराग जलाएँ कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता।
बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से
चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका।
फूल गुलाब का भेज रहे है आपके लिए,
लबों से छूकर जान इसमें डाल दीजिए।
राहो की कठिनाईयों से
इतना मायूस ना हो ऐ ग़ालिब
आखिर एक गुलाब को
काटों में ही खिलना पड़ता है।
गुलाब के फूल पर शायरी
जो तेरी मोहब्बत को पाने का पूरा मेरा ख़्वाब हो जाए,
महक जाए ये ज़िन्दगी खुदा कसम गुलाब हो जाए।
आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए
फूल चाहे कितनी भी ऊँची टहनी पर लग जाए लेकिन
मिट्टी से जुड़ा रहता है, तभी खिलता है।
तारीफ अपने आप की करना फिज़ूल है
खुश्बू खुद बता देती है, कौन सा फूल है।
गुलाब के फूल सा चेहरा है तेरा
बातें तेरी काँटों सी चुभती है।
तुझे मैं गुलाब से भी ज्यादा खूबसूरत समझता हूँ,
गुलाब एक बाग़ महकाता है तूने तो मेरी पूरी ज़िन्दगी महका दी।
गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है देता है
पैगाम मोहब्बत का और खुद कांटो में रहता है
सुनों आज तुम्हे मोहोब्बत के इज़हार में गुलाब भेजा है
या यूँ कहो की तुम्हे पाने के लिए मैंने अपना ख़्वाब भेजा है।
पहले सोचा की उसे तोहफे में गुलाब दूँ
फिर सोचा अब गुलाब को क्या ही गुलाब दूँ।
जिस महफ़िल में मौजूद तुम सा गुलाब होगा
वहां खुशबू का कारवां शुरू अपने आप होगा।
अब गुलाब को गुलाब के लिए भेजूं तो क्या ही फायदा होगा,
शराब आप जैसे जाम के लिए भेजूं तो क्या ही फायदा होगा।
गुलाब के आगे हर फूल फीका है पर जिस गुलाब को तुम
छू लो वो गुलाब भी तुम्हारी खूबसूरती का गुलाम हो जाए।
आज गुलाब भी खुद को सबसे खूबसूरत समझने लगा
जब मैंने उसे तुम्हारे नाम से पुकारा।
आज ख़ुशबू भरे गुलाबों से
मेरे दामन को भर गया कोई।
वो क़हर था कि रात का पत्थर पिघल पड़ा
क्या आतिशीं गुलाब खिला आसमान पर।
महक उठे रंग-ए-सुर्ख़ जैसे
खिले चमन में गुलाब इतने।
जिस चीज़ को छुआ उधर गुलाब खिल गए
उनके क़दम गए जिधर गुलाब खिल गए।
हाथों में आपके ये जो गुलाब आज है
मेरे लिए हो लाए या मिला कहीं से है।
वो गुल-फ़रोश कहाँ अब गुलाब किस से लूँ
नहीं रहा मिरा साक़ी शराब किस से लूँ।
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